संस्कृतप्रशिक्षणकक्ष्या -षष्ठ अभ्यास:
हिन्दी भाषाया पठितुम् अत्र बलाघात: करणीय:
षष्ठ अभ्यास: प्रकाश्यते ।
प्रार्थनां कुर्म:
पठामि संस्कृतं नित्यं वदामि संस्कृतं सदा
ध्यायामि संस्कृतं सम्यक वन्दे संस्कृतमातरम् ।
संस्कृतस्य प्रसाराय नैजं सर्वं ददाम्यहम्
संस्कृतस्य सदा भक्तौ वन्दे संस्कृतमातरम् ।
संस्कृतस्य कृते जीवन संस्कृतस्य कृते यजन
आत्मानमाहुतं मन्ये वन्दे संस्कृतमातरम् ।
ध्यायामि संस्कृतं सम्यक वन्दे संस्कृतमातरम् ।
संस्कृतस्य प्रसाराय नैजं सर्वं ददाम्यहम्
संस्कृतस्य सदा भक्तौ वन्दे संस्कृतमातरम् ।
संस्कृतस्य कृते जीवन संस्कृतस्य कृते यजन
आत्मानमाहुतं मन्ये वन्दे संस्कृतमातरम् ।
पूर्वतनपाठ्यबिन्दूनाम् अभ्यासं कुर्म: ।
एष: राम: ।
एषा लेखनी ।
राम: लेखनीं स्वीकरोति ।
स: कृष्ण:
तत् कंचुकम् ।
कृष्ण: कंचुकम् धरति ।
स: बालक: ।
तत् कन्दुकम् ।
बालक: कन्दुकं क्षिपति ।
लेखनीम् - लेखनी को , कंचुकम् - कुरते को, कन्दुकम् - गेंद को ।
एषा रमा ।
एष: चसक: ।
रमा चसकं स्वीकरोति ।
एषा धेनु: ।
धेनु: दुग्धं यच्छति ।
एष: अश्व: ।
एतत् तृणं ।
अश्व: तृणं खादति ।
चसकम् - गिलास को, दुग्धम् - दूध को, तृणम् - घास को ।
अग्रे चलाम:
राम: पिबति - राम पीता है
राम: जलं पिबति - राम जल पीता है
राम: चसकेन जलं पिबति - राम ग्लास से जल पीता है ।
सीता खादति - सीता खाती है
सीता भोजनं करोति - सीता भोजन करती है
सीता चमसेन भोजनं करोति - सीता चम्मच से भोजनं करोति ।
आनन्द: स्मरति - आनन्द याद करता है
आनन्द: श्लोकं स्मरति - आनन्द श्लोक याद करता है
आनन्द: पुस्तकेन श्लोकं स्मरति - आनन्द पुस्तक से श्लोक याद करता है ।
इत्येतावत् अलम्
गृहकार्यं
1- राम बसयान से विद्यालय जाता है ।
2- राधा चलयंत्र से बात करती है ।
शान्तिमन्त्रं वदाम:
सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामय:
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दु:खभाग भवेत् ।।
नमो नम:
भवदीय: - आनन्द:
एषा लेखनी ।
राम: लेखनीं स्वीकरोति ।
स: कृष्ण:
तत् कंचुकम् ।
कृष्ण: कंचुकम् धरति ।
स: बालक: ।
तत् कन्दुकम् ।
बालक: कन्दुकं क्षिपति ।
लेखनीम् - लेखनी को , कंचुकम् - कुरते को, कन्दुकम् - गेंद को ।
एषा रमा ।
एष: चसक: ।
रमा चसकं स्वीकरोति ।
एषा धेनु: ।
धेनु: दुग्धं यच्छति ।
एष: अश्व: ।
एतत् तृणं ।
अश्व: तृणं खादति ।
चसकम् - गिलास को, दुग्धम् - दूध को, तृणम् - घास को ।
अग्रे चलाम:
राम: पिबति - राम पीता है
राम: जलं पिबति - राम जल पीता है
राम: चसकेन जलं पिबति - राम ग्लास से जल पीता है ।
सीता खादति - सीता खाती है
सीता भोजनं करोति - सीता भोजन करती है
सीता चमसेन भोजनं करोति - सीता चम्मच से भोजनं करोति ।
आनन्द: स्मरति - आनन्द याद करता है
आनन्द: श्लोकं स्मरति - आनन्द श्लोक याद करता है
आनन्द: पुस्तकेन श्लोकं स्मरति - आनन्द पुस्तक से श्लोक याद करता है ।
इत्येतावत् अलम्
गृहकार्यं
1- राम बसयान से विद्यालय जाता है ।
2- राधा चलयंत्र से बात करती है ।
शान्तिमन्त्रं वदाम:
सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामय:
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दु:खभाग भवेत् ।।
नमो नम:
भवदीय: - आनन्द:







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July 27, 2010 at 5:14 AM
प्रणाम!
1. राम: बसयानेन विद्यालयम गच्छति।
2. राधा चलयंत्रेन वार्ताम करति।
नमो नम:
July 27, 2010 at 7:26 PM
पढ़ लिया गुरु जी -स्मार्ट इंडियन मदद के लिए आ गए -मैं इन्ही से होमवर्क टीप लूंगा !
July 27, 2010 at 9:43 PM
आदरणीय स्मार्ट इंडियन जी
आपका प्रयास बहुत ही उत्तम है और आपका गृहकार्य भी एकदम सही है, एक छोटी सी हलन्त की गलती रह गई है बस - वार्ताम में हलन्त लगना चाहिये ।
यूँ ही प्रयास जारी रखें, जल्दी ही आप सब संस्कृत लेखन में प्रवीण हो जाऍंगे ऐसी आशा है ।
आदरणीय अरविन्द जी
आपका तो मैं आभारी ही हूँ कि आप संस्कृत के प्रति इतने श्रद्धावान हैं ।
आप लोगों को ये बता देना जरूरी समझता हूँ कि पॉंचवें अभ्यास से अब जो पाठ्यक्रम मैने प्रारम्भ किया है इसपर आपलोग पूरा ध्यान केन्द्रित करें व इसका ठीक से अभ्यास करें । यह पाठ्यक्रम मैने बहुत मेहनत से बनाया है और मेरा दावा है, पाँचवें अभ्यास से अगले 10 अभ्यास तक के पाठ्यक्रम का ठीक से अध्ययन करने पर आप अच्छी संस्कृत लिखना शुरू कर देंगे ।
धन्यवाद
July 28, 2010 at 3:12 AM
प्रणाम बंधु ,
आपके इस सद्प्रयास से लाभान्वित होने की पूरी कोशिश कर रहन हूँ . पर मेरा एक निवेदन है की आप कृप्या दैनिक उपयोग में आने वाली चीजों के संस्कृत नाम उपयोग भी बताएं, जैसे रसोई सम्बंधित, व अन्य शब्दावलियाँ छोटी छोटी जिनका घर में आपस में बोलकर अभ्यास भी होता रहें और संस्कृत शब्दावली की पहचान होकर उच्चारण में गति भी बढ़ें.
एक बार फिर धन्यवाद सहित
अमित शर्मा
August 1, 2010 at 5:17 AM
आनन्द जी प्रणाम.
आप अमित जी की बात पर ध्यान दें, यह आवश्यक है.