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संस्‍कृतप्रशिक्षणकक्ष्‍या - तृतीय: अभ्‍यास:


हिन्‍दीभाषायां पठितुम् अत्र बलाघात: करणीय:

    सर्वेषां कृते नमो नम:
अद्य वयं दूरस्‍थ, निकटस्‍थ च वस्‍तूनां कृते सम्‍बोधनं पठाम: ।

सर्वप्रथमं प्रार्थनां कुर्म: ।

पठामि संस्‍कृतं नित्‍यं वदामि संस्‍कृतं सदा
ध्‍यायामि संस्‍कृतं सम्‍यक वन्‍दे संस्‍कृतमातरम् ।

संस्‍कृतस्‍य प्रसाराय नैजं सर्वं ददाम्‍यहम्
संस्‍कृतस्‍य सदा भक्‍तौ वन्‍दे संस्‍कृतमातरम् ।

संस्‍कृतस्‍य कृते जीवन संस्‍कृतस्‍य कृते यजन
आत्‍मानमाहुतं मन्‍ये वन्‍दे संस्‍कृतमातरम् ।

इदानीं पूर्वतन् पाठ्यबिन्‍दूनां पुनराभ्‍यासं कुर्म:।।

मम ग्रामस्‍य नाम ईशपुर अस्ति ।
भवत:/भवत्‍या: ग्रामस्‍य नाम
--------- ?

अहं फैजाबाद नगरत: अस्मि ।
भवान/भवती --------- नगरत: अस्ति ?

मम प्रदेशस्‍य नाम उत्‍तरप्रदेश: - ।
भवत:/भवत्‍या: प्रदेशस्‍य नाम
--------- ?

मम देशस्‍य नाम भारतदेश: ।
भवत:/भवत्‍या: देशस्‍य नाम
---------?

अहं संस्‍कृतभारती संस्‍थायाँ कार्यं करोमि ।
भवान/भवती
--------- ?

मम पिता वित्‍तकोषस्‍य प्रबन्‍धक: अस्ति

भवत: पिता
--------- ?
अथवा
भवत: पितु: व्‍यवसाय:
--------- ?

मम माता गृहणी अस्ति ।
भवत: मातु: व्‍यवसाय:
--------- ?

मम पत्र संकेत: (ईशपुर, महबूबगंज, जिल्‍ला- फैजाबाद) इति अस्ति

भवत:/भवत्‍या: पत्र संकेत:
--------- ?

मम जालपुटसंकेत: pandey.aaanand@gmail.com अस्ति 

भवत:/भवत्या: जालपुटसंकेत:
--------- ?

मम जालपृष्‍ठसंकेत: http://sanskrit-jeevan.blogspot.com/ अस्ति 

भवत: जालपृष्‍ठसंकेत:
--------- ?

मम चलभाषसंख्‍या 9721519904 अस्ति

भवत:/भवत्‍या: चलभाषसंख्‍या --------- ?

इदानीं अग्रे सराम:

स: बालक: - वह बालक है ।
स: क: - वह क्या/कौन है
?
क: स: - वह क्‍या/कौन है
?(पुलिंग)

सा बालिका - वह लडकी है ।
सा का/ का सा - वह क्या/कौन है
?(स्‍त्रीलिंग)

तत् व्‍यजनम् - वह पंखा है ।
तत् किम्/किम् तत् - वह क्या/कौन है
? (नपुंसकलिंग)

एष: बालक: - यह बालक है ।
एष: क:/ क: एष: -यह कौन/क्‍या है
? (पु0)

एषा बालिका - यह लडकी है ।
एषा का/ का एषा - यह कौन/क्‍या है
? (स्‍त्री0)

एतत् व्‍यजनम् - यह पंखा है ।
एतत् किम्/ किम् एतत् - यह कौन/क्‍या है
? (नपु0)

अद्यतनं अलं ।
सम्‍प्रति गृहकार्यं
अ़द्यतनं पाठ्यबिन्‍दूनां एकं अभ्‍यासं मह्यम जालसदेशद्वारा प्रेर्षयन्‍तु ।।

शान्तिमन्‍त्रं वदाम:
सर्वे भवन्‍तु सुखिन: सर्वे सन्‍तु निरामय:
सर्वे भद्राणि पश्‍यन्‍तु मा कश्चित् दु:खभाग भवेत् ।।


नमो नम:
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5 Response to "संस्‍कृतप्रशिक्षणकक्ष्‍या - तृतीय: अभ्‍यास:"

  1. indu puri goswami says:
    July 13, 2010 at 2:58 AM

    संस्कृत में भी कमेन्ट करूंगी एक दिन किन्तु अभी क्षमा करें. आप हम शिक्षकों को जो दे रहे हैं वो अतुलनीय है.मैंने छठी से नवी कक्षा तक संस्कृत पढ़ी थी.अब तक सब भूल चुकी हूँ.अब जब संस्कृत का कोई भी शिक्षक मेरे स्कूल में नही है तो सोचा क्यों ना नेट और ब्लोगर्स की मदद लूँ और बिना मांगे मोटी मिल गए .इसी लिए कहती हूँ मैं ईश्वर की बहुत लाडली बेटी हूँ वो मेरा 'इस तरह' ख़याल रखता है. स्नेह और धन्यवाद इस ब्लोग के लिए.

  2. Arvind Mishra says:
    July 13, 2010 at 7:10 AM

    आपके इस अनुष्ठान की जितनी भी प्रशंसा की जाय कम है -मैं पाठशाला में नियमित हूँ !

  3. Rajesh Tripathi says:
    July 15, 2010 at 11:02 PM

    आनंद पांडेय महाशयः अभिवादनम् साधुवाद च ।
    अधुना संसारे कोअपि न देवभाषाय कथोपकथनम् करिष्यति। महत् तव प्रयासः । किंचित् संदेहम् नास्ति प्रयासम् इदम् प्रशंसनीयम्। मम आकांक्षा प्रयासम् इदम् सफली भवतु।
    -राजेश त्रिपाठी
    पांडेय जी संस्कृत में कोशिश की है। पता नहीं ठीक है या गलत। आपका यह प्रयास साधुवाद का परिचायक और प्रशंसनीय है। देवभाषा के प्रचार-प्रसार में यह सहायक हो यही कामना है।मैंने आपके ब्लाग को बुकमार्क कर लिया है और अब निरंतर देवभाषा और आपके संपर्क में रहूंगा। सादर नमन।

  4. Shiv Prasad says:
    July 17, 2010 at 7:00 AM

    good effort dear, u r on a good job i want to assist u, just keep on and please wait for my comment in sanskrit till i get a quainted in hindi typing, thanx a lot ur friend shiv. "jayatu samskritam, jayatu bharatam"

  5. sharda monga (aroma) says:
    November 18, 2010 at 7:58 PM

    Thanks for your efforts. I studied Sanskrit upto Inter Mediate (12th class of our time. Have Studied many books like: Kalidasa, Banbhatt Shakuntalam, Kumar Sambhav, Naganand Natakam, Dash Kumar, Harit-Charit, Kathasarit Sagar...and many more-forgote the name.I can undestand Sanskrit better than English.But in my B.A. got chanded the subjects. Now a broken link ...for a long period!
    Will see what can I do...something

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